Sun. Oct 6th, 2024
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अजमेर।  जयपुर: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जयपुर और भरतपुर की टीम ने सोमवार को डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते पीएचईडी एनसीआर खंड प्रथम अलवर के हसन खां कार्यालय के एक्सईएन दिव्यांक त्यागी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद एसीबी भरतपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित चौधरी के नेतृत्व में आरोपी एक्सईएन के अंबेडकर नगर स्थित आवास पर सर्च ऑपरेशन चलाया। इसमें एसीबी की टीम को आरोपी के घर से 55 लाख रुपए से अधिक की नकदी मिली है। आरोपी के घर पर एसीबी का सर्च ऑपरेशन देर रात तक जारी रहा।

 

एसीबी जयपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बलराम सिंह ने बताया कि पीएचईडी की ओर से मालाखेड़ा क्षेत्र के तीन गांवों में कराए गए कार्यों के बिल पास करने के एवज में एक्सईएन ने ठेकेदार से ढाई लाख रुपए मांगे थे। इसमें से एक लाख रुपए आरोपी 9 सितंबर को ले चुका था। इसके बाद बचे हुए डेढ़ लाख रुपए देने के लिए उसने सोमवार को शाम करीब सवा 6 बजे ठेकेदार को अंबेडकर नगर स्थित अपने निवास के पास बस स्टॉप पर बुलाया था। इस बीच एसीबी की जयपुर टीम ने उसे रिश्वत की राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। परिवादी की शिकायत का सत्यापन कराने के बाद ट्रैप की कार्रवाई की गई। इसके बाद आरोपी एक्सईएन को गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए एनईबी थाने ले जाया गया।

 

*बिलों का 3 प्रतिशत मांग रहा था रिश्वत के रूप में:*

 

जयपुर निवासी परिवादी ठेकेदार ने एसीबी को बताया कि आरोपी एक्सईएन बिलों के भुगतान के लिए कुल राशि का तीन प्रतिशत रिश्वत के रूप में मांग कर दबाव बना रहा था। जबकि वह एक प्रतिशत देने को तैयार था। इसके बाद भी आरोपी उसे परेशान कर रहा था। परिवादी ने एसीबी को यह भी बताया कि पीएचईडी की ओर से कराए गए कार्यों के अभी बिल पास हुए हैं।

 

*आभूषण का वजन करने के लिए मंगवाया छोटा तराजू:*

 

ऐसे में आरोपी के घर सर्च के दौरान 20-22 लाख रुपए मिलेंगे, लेकिन जब एसीबी की टीम आरोपी के घर पहुंची तो नोटों की गड्डियां देखकर नोट गिनने की मशीन मंगवानी पड़ी। साथ ही सोना-चांदी के आभूषण का वजन करने के लिए छोटा तराजू भी मंगवाया गया। हालांकि आभूषण के संबंध में अभी एसीबी की टीम ने कोई जानकारी नहीं दी है। इसके अलावा आरोपी के अंबेडकर नगर स्थित आवास के दस्तावेज भी एसीबी को मिले हैं।

 

*डेढ़ साल पहले ही बना था एक्सईएन, पत्नी भी एईएन:*

 

आरोपी दिव्यांक त्यागी करीब डेढ़ साल पहले ही एक्सईएन बना था। इससे पहले वह करीब एक साल मनुमार्ग स्थित विभाग के सर्किल ऑफिस में एईएन के पद पर कार्यरत रहा। इससे पहले जयपुर में सेवाएं दे रहा था। वहीं, आरोपी की पत्नी भी मनुमार्ग स्थित पीएचईडी कार्यालय में एईएन के पद पर कार्यरत है।

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