अजमेर। बुलडोजर एक्शन के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं हो सकती। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलीलें पेश कीं। तुषार मेहता ने कहा कि ऐसा केवल नगर निगम के कानून के अनुसार ही किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बुलडोजर न्याय पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सवाल उठाया कि किसी घर को सिर्फ़ इसलिए कैसे गिराया जा सकता है क्योंकि वह किसी आपराधिक मामले में अभियुक्त या दोषी का है। कोर्ट ने घरों को गिराने से पहले पूरे भारत में पालन किए जाने वाले दिशा-निर्देशों का प्रस्ताव भी रखा। याचिका में बिना नोटिस घरों के गिराने का आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने अदालत से यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश मांगा कि पूरे देश में बुलडोजर न्याय न हो।