अजमेर। इस वर्ष 7 सितंबर से देशभर में गणेशोत्सव की शुरुआत होने जा रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष गणेश चतुर्थी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश का जन्म सोमवार को, स्वाति नक्षत्र, सिंह लग्न में मध्याह्र काल में हुआ था। इस दिन से 10 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव शुरू हो जाता है। गणेश चतुर्थी पर भक्त अपने-अपने घरों में गणपति को बैठाते हैं। वहीं गणेश चतुर्थी के मौके पर बड़े-बड़े पांडलों में भगवान गणेश की भव्य और विशाल मूर्तियों को स्थापित करते हैं। घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करने के लिए लोग बाजार से गणेश प्रतिमा को खरीदते हैं और विधि-विधान के साथ पूजा करते हैं। अगर आप भी इस बार घर पर गणेशजी को बैठाते हैं तो गणेश जी की मूर्ति के लिए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।
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1. गणेश जी की मूर्ति का स्वरूप
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश जी की मूर्ति का स्वरूप शुभ होना चाहिए। चतुर्भुज गणेश जी की मूर्ति विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। इनके चार हाथ होते हैं, जिनमें से एक में मोदक, दूसरे में पाश, तीसरे में अंकुश और चौथे हाथ से वरदान देने का आशीर्वाद देते हैं। यह मूर्ति घर में सुख और समृद्धि लाती है।
2. गणेश जी की दिशा और मुद्रा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, गणेश जी की मूर्ति को लाते समय उनकी दिशा और मुद्रा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कभी भी गणेशजी का मुख दक्षिण की ओर करके नहीं रखना चाहिए। इसके बजाय, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठे गणेश जी की मूर्ति को घर में स्थापित करना चाहिए। यह दिशा समृद्धि और शांति का प्रतीक मानी जाती है।
3. गणेश जी की मूर्ति का रंग
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मूर्ति का रंग भी महत्वपूर्ण है। सफेद रंग की गणेश जी की मूर्ति घर में सुख-शांति और समृद्धि लाती है। गणेश चतुर्थी कब है 2024 7 सितंबर 2024, शनिवार
गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त 2024 11:03 ए एम से 01:34 पी एम
अवधि 02 घण्टे 31 मिनट्स
गणेश चतुर्थी पर वर्जित चन्द्रदर्शन का समय 09:30 ए एम से 08:45 पी एम
गणेश चतुर्थी तिथि प्रारम्भ सितम्बर 06, 2024 को 03:01 पी एम बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त सितम्बर 07, 2024 को 05:37 पी एम बजे
गणेश विसर्जन 2024 डेट 17 सितंबर 2024″