अजमेर। नागौर के पास छावटा से पहले प्रसव के लिए खुशी-खुशी रेण में अपने पिता गुदड़राम के घर रह रही। गायत्री पत्नी अशोक बावरी को गुरुवार रात प्रसव पीड़ा होने पर 11.30 बजे मेड़ता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया। रात 2.30 बजे करीब गायत्री ने बच्ची को जन्म दिया। बच्ची के जन्म पर घर में हर कोई खुश था। सुबह मिठाईयां बांटकर मुंह मीठा करवाया गया। इसके बाद सामान्य प्रसव होने के चलते परिजनों ने शुक्रवार शाम को डिस्चार्ज करवा लिया। रेण जाने के लिए वैन किराये पर ली। फोन से सूचना दी गई कि हम गायत्री व बच्ची को लेकर आ रहे हैं। मेड़ता से 9 किमी दूर चले और अपने गांव रेण से 7-8 किमी का सफर बाकी रह गया था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। सामने से काल बनकर दौड़ती आई लोक परिवहन की बस को गायत्री ने अपने आंखों के सामने आते हुए देखा। लेकिन कुछ कर नहीं पाई। एक भीषण टक्कर ने 10 घंटे तक दुलार के बाद नवजात बच्ची से उसकी मां का साया सदा-सदा छीन लिया। इतने भीषण हादसे में भी बच्ची को खरोच तक नहीं आई है। वो एकदम स्वस्थ है। उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है।
परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल
पुत्री की मृत्यु और पत्नी के गंभीर रूप से घायल होने पर गुदड़राम सहित परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।