Sun. Oct 6th, 2024
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              अजमेर।   बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और रतौंधी सहित अन्य आंखों की बीमारियों से बचाव के लिए जिले में बुधवार 29 मई से विटामिन-ए पिलाने का अभियान चलाया जाएगा। यह लगातार 29 जून तक चलेगा। इसमें अजमेर जिले के 9 माह से 5 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों जिनकी संख्या लक्ष्य के अनुरूप लगभग 2 लाख 80 हजार है। इन सभी को विटामिन-ए की खुराक पिलाई जाएगी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. ज्योत्सना रंगा ने बताया कि विटामिन-ए की दवा आंगनवाडी केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप जिला अस्पताल एवं जिला अस्पताल पर पिलाई जाएगी। यह खुराक 6 माह के अन्तराल से पिलाई जाती है। विटामिन-ए आंखों की बीमारियों जैसे रतौंधी व अंधता से बचाव के साथ-साथ बच्चों में शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि के लिए भी आवश्यक है। विटामिन-ए से बच्चों में दस्त एवं निमोनिया आदि बीमारियों के घातक प्रभाव में कमी लाइ जा सकती है।

              उन्होंने बताया कि विटामिन-ए के जरिए पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्युदर में भी कमी आती है। इस दौरान एक से पांच साल तक के बच्चों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को विटामिन-ए की दो एमएल खुराक पिलाएगी एवं 9 माह से 12 माह तक विटामिन-ए की अतिरिक्त खुराक आधा चम्मच (एक एमएल) तथा एक वर्ष से 5 वर्ष तक आयु के बच्चों को 2 एमएल विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी।

                विटामिन ए कार्यक्रम प्रभारी एवं अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅॅ. रामलाल चैधरी ने बताया कि विटामिन ए शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाए रखने में मदद करता है। जैसे कि त्वचा, बाल, नाखून, ग्रन्थि, दांत, मसूड़ा और हड्डी। सबसे महत्वपूर्ण स्थिति जो कि सिर्फ विटामिन ए के अभाव में होती है वह है अंधेरे में कम दिखाइ देना जिसे रतौंधी कहते हैं। इसके साथ आखों में आंसू के कमी से आंख सूख जाती हैं और उसमें घाव भी हो सकता है। जिन स्थानों पर आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं हैं वहां एएनएम द्वारा 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को यह खुराक पिलाएगी।

              उन्होंने बताया कि बच्चों में पोषक विटामिन-ए के अभाव में विकास की गति धीमी हो जाती है। इससे उनके कद पर असर हो सकता है। त्वचा और बालों में भी सूखापन हो जाता है और उनमें से चमक चली जाती है। संक्रमित बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए बच्चों को विटामिन-ए की खुराक अवश्य पिलानी चाहिए। यह राज्य सरकार की ओर से निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी।

 

 

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