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          अजमेर, 22 मई। गर्मी के मौसम में पशुओं का उपयोग दया भावना के साथ करना चाहिए। जिला मजिस्ट्रेट डाॅ. भारती दीक्षित ने बताया कि भारवाहक पशु ऊंट, घोड़ा, खच्चर, पोनी, बैल, पाडा एवं गधा आदि को कुछ पशु मालिकों द्वार अत्यधिक तेज गर्मी में भी भार ढोने के लिए प्रयोग किया जाता है। इन पशुओं के अत्यधिक गर्मी के समय काम में लिए जाने के कारण बीमार होने, लू लगने एवं ताप-घात की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है। यह पशु क्रूरता की श्रेणी में आता है। पशु क्रूरता की रोकथाम, पशु स्वास्थ्य का संरक्षण एवं पशु रोगों के प्रसार को रोकने एवं पशुओं के प्रति मानवीय दृष्टिकोण, दया भावना एवं जागरूकता की आवश्यकता के मद्देनजर भारवाहक पशु ऊंट, घोड़ा, खच्चर, पोनी, बैल, पाडा एवं गधा आदि को ग्रीष्म-काल में अत्यधिक गर्मी एवं उच्च तापमान के समय प्रातः 11 बजे से अपराह्न 4 बजे के बीच भारवाहक कार्य के लिए उपयोग में लेने पर प्रतिबन्ध रहेगा। किसी भी व्यक्ति द्वारा भारवाहक पशु प्रजातियों को प्रातः 11 से अपराह्न 4 बजे के बीच भारवाहन के लिए उपयोग में लेने पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के अन्तर्गत कार्यवाही की जाएग

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