अजमेर। मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए पूर्णतया वर्जित माने जाने वाले होलाष्टक की शुरुआत होली से आठ दिन पूर्व रविवार को सूर्योदय के साथ होगी। ज्योतिषविदों के मुताबिक इस बार होलाष्टक आठ के बजाय नौ दिन के होंगे। अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को बृहस्पति, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल, पूर्णिमा को राहु ग्रह उग्र रूप लिए हुए रहते हैं। इस कारण इस अवधि में मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। इस दौरान भगवान विष्णु की आराधना करना विशेष फलदायी व विभिन्न कथाओं का श्रवण करना शुभ रहेगा। एकादशी का व्रत 20 मार्च को, 24 को होली और 25 को धुलंडी का पर्व रहेगा।