अजमेर। 23 अप्रैल को तारा लग जाएगा। इस बीच अप्रैल के 9 दिन में से सिर्फ 3 शुभ लग्न मुहूर्त में बैंड बाजा बजेगा। मकर संक्राति से प्रारंभ हुए विवाह के शुभ मुहुर्तों में अब महज दो शुभ मुहूर्त शेष हैं। इस माह का आखिरी मुहूर्त 12 मार्च फुलेरा दूज का अबूझ विवाह लग्न रहेगाa है। 7 मार्च को 9 रेखा के विवाह लग्न के साथ एक बार शहनाई थम जाएगी। इस वर्ष अशुभ माने जाने वाला मीन मलमास और होलाष्टक दो दिन-आगे-पीछे शुरू हो रहा है। मीन मलमास में सूर्य जब मीन राशि में प्रवेश करता है, तब सूर्य मलीन अवस्था में होता है। चूंकि सूर्य को विवाह का प्रमुख कारक ग्रह माना गया है, इसलिए मीन मलमास में विवाह संस्कार संपन्न नहीं होंगे। मीन मलमास 14 मार्च से लेकर 14 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाएंगे। जुलाई में भी मात्र 5 मुहूर्त में फेरे लिए जा सकेंगे। इसके पश्चात 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी से 12 नवंबर तक चातुर्मास लगने से शुभ कार्य नहीं किए जाएंगे। देवउठनी एकादशी के बाद नवंबर में पांच और दिसंबर में खरमास शुरू होने से पहले 6 मुहूर्त हैं।