अजमेर। आचार्य विद्यासागर का अजमेर से गहरा नाता रहा है। उनकी दीक्षा व आचार्य पद भी अजमेर में ही मिला है। उनके समाधि मरण के बाद अजमेर के जैन मंदिरों में कार्यक्रम हो रहे हैं। कहीं पाठ का आयोजन किया जा रहा है। तो कहीं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जा रहा है। विन्यांजलि सभा में काफी संख्या में महिला पुरुष शामिल हो रहे हैं।