अजमेर। हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का उर्स इस बार जनवरी माह में है। तेज ठंड के मौसम में आ रहै उर्स में जायरीन के लिए व्यवस्था करना जिला प्रशासन के लिए चुनौती रहेगी। उर्स में आने वाले जायरीन मैं से करीब एक लाख जायरीन को कायड़ विश्राम स्थली पर ठहराया जाएगा। उर्स की शुरुआत में अब एक महीने से अधिक समय ही शेष रहा है। 8 जनवरी को दरगाह के बुलंद दरवाजे पर गरीब नवाज के सालाना उर्स का झंडा चढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही जायरीन की आवक भी शुरू हो जाएगी। दरगाह कमेटी और प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती का विषय यह है। कि ठंड से बचाव के लिए किस तरह के इंतजाम किए जाय।